श्री महिषासुर मर्दिनी स्तोत्रम् (अयिगिरि नंदिनि)
श्री अन्नपूर्णा अष्टोत्तर शतनामावलिः
क्लीङ्कारी कामरूपिण्यै बीजरूपे नमोऽस्तु ते ॥ ८ ॥
न तस्य जायते सिद्धिररण्ये रोदनं यथा ॥ १५ ॥
देवी माहात्म्यं चामुंडेश्वरी मंगलम्
क्लींकारी कामरूपिण्यै बीजरूपे नमोऽस्तु ते।
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति तृतीयोऽध्यायः
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति तृतीयोऽध्यायः
मम सर्वाभीष्टसिद्ध्यर्थे जपे विनियोगः ।
यस्तु कुंजिकया देविहीनां सप्तशतीं पठेत्।
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति द्वादशोऽध्यायः
नमस्ते रुद्ररूपिण्यै नमस्ते मधुमर्दिनि ।
On chanting generally speaking, Swamiji claims, “The greater we recite, the more we listen, and the greater we attune ourselves to your vibration of what is getting explained, then the more we will inculcate that attitude. Our intention amplifies the Angle.”
समय का अभाव है तो नवरात्रि के नौ दिनों में सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ कर देवी की उपासना की जा सकती है. click here इससे पूजा और व्रत का अक्षय पुण्य प्राप्त होगा.
Comments on “Top latest Five sidh kunjika Urban news”